अखिलेश ने बताया योगी सरकार को फेल, कहा- UP में भ्रष्टाचार-कोरोना रोकने में नाकाम

लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि यूपी में भाजपा की सरकार न तो कोरोना में संक्रमण को रोक पा रही है और न ही अराजकता और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा पा रही है। अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री बेड और जांच बढ़ाने के लिए एक बयान जारी करते हैं। जबकि अस्पतालों में डॉक्टर, एनेस्थेटिस्ट, वेंटीलेटर स्टाफ भी नहीं है। गरीबों का शिकार करने के लिए पुलिस की खराब नीति का इस्तेमाल किया गया। अब भाजपा के विधायक-सांसद भी नंबर पाने लगे हैं। कुछ स्थानों पर, केवल अपराधी पुलिस को धकेलने में लगे हुए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सपा अध्यक्ष ने शुक्रवार को कहा कि यूपी में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मरीजों को न तो दवाएं मिल रही हैं और न ही वे उनके संपर्क में आ रहे हैं। जिन अधिकारियों की ड्यूटी मदद के लिए ली जाती है, वे फोन भी नहीं उठाते हैं। भोजन करने तक ही सब कुछ सीमित है। उन्होंने कहा कि भाजपा साढ़े तीन साल में भी सपा सरकार के तहत लखनऊ में बना कैंसर अस्पताल शुरू नहीं कर सकी। अब कोरोना पीड़ितों को कम से कम वहां एक कोविद केंद्र की व्यवस्था करके रखा जा सकता है।

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के रामराज की हालत यह है कि पुलिस और विधायक-सांसदों के बीच कई जिलों में प्रतिष्ठा की सीमाएं टूट रही हैं। दूसरी ओर, अपराधियों की आत्मा इतनी मजबूत हो गई है कि कौशाम्बी में चोरो पर हमला करने वाली पुलिस टीम पर हमला किया गया। एक सिपाही, कांस्टेबल घायल हो गया। दरोगा की पिस्तौल छीन ली गई। जब पुलिस इतनी असुरक्षित है, तो जनता को सुरक्षा कहां से मिलेगी?

अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार ने 108 और 102 एम्बुलेंस सेवा शुरू की थी। ये मरीजों के लिए बहुत उपयोगी सेवाएं हैं। इसके अलावा, सपा सरकार ने विदेश से सभी जानकारी एकत्र करने के बाद, राज्य की आवश्यकता के अनुसार अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल 100 नंबर सेवा शुरू की। जबकि भाजपा सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे जनता को राहत मिले। उन्होंने अपनी कोई भी जनहितकारी योजना को धरातल पर नहीं उतारा है। उस समय सपा सरकार की एम्बुलेंस सेवाओं, डायल 100 सेवा का इस्तेमाल आज संकट में है।

सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ने केवल वादे किए हैं और भ्रामक हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि सचिवालय के अंदर फर्जी अधिकारी फर्जी दफ्तर खोलकर धोखाधड़ी का कारोबार करते हों, ऐसा बीजेपी के शासन में हो रहा है। बिजली विभाग में 4000 करोड़ रुपये का पीएफ घोटाला पहले किया गया था और अब लाखों उपभोक्ताओं के साथ स्मार्ट मीटर घोटाला भी सामने आया है। मुख्यमंत्री की परेशानी की कहानी सुनकर जनता ऊब गई है।

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