कमाई के लिए शराब पर लगाया था ज्यादा टैक्स, लेकिन उलटा पड़ गया दांव

कई राज्यों ने लॉकडाउन प्रतिबंधों के बाद शराब पर 50 प्रतिशत से अधिक कोरोना सेस लगाया, जिसमें मई और जून में शराब की बिक्री में 59 प्रतिशत की गिरावट आई। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया था। शराब उद्योग संगठन इंडियन एल्कोहलिक बेवरेजेज कंपनीज (CIABC) ने एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू कश्मीर और पुदुचेरी जैसे राज्यों ने शराब पर 50 प्रतिशत से अधिक कोरोना सेस लगाया है। इन राज्यों में शराब की बिक्री मई में 66 प्रतिशत और जून में 51 प्रतिशत घट गई।

रिपोर्ट के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और झारखंड जैसे राज्यों ने 15 से 50 प्रतिशत तक उपकर लगाया था। इन राज्यों में बिक्री में 34 प्रतिशत की औसत गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, जिन राज्यों ने 15 प्रतिशत तक का उपकर लगाया था, उनमें केवल 16 प्रतिशत की गिरावट थी। इन राज्यों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, गोवा और पंजाब शामिल हैं। इस साल मई और जून में राष्ट्रीय स्तर पर बिक्री में क्रमश: 25 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की गिरावट आई।

CIABC के महानिदेशक विनोद गिरि ने कहा कि शराब उद्योग राज्य सरकारों के राजस्व में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है। हालांकि, चालू वित्त वर्ष में यह राजस्व 25 से 30 प्रतिशत तक गिरने वाला है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में अधिक करों के कारण शराब की बिक्री में बड़ी गिरावट आई है। इसके अलावा, बार और रेस्तरां खोलने में देरी भी इस स्थिति को खराब करेगी। शराब की कुल बिक्री में बार्स और रेस्तरां का योगदान 10 प्रतिशत है। गिरि ने कहा कि शराब उद्योग अन्य उद्योगों की तुलना में लॉकडाउन से अधिक प्रभावित हुआ है।

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