काठमांडू नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच की तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। सत्तार...

काठमांडू नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच की तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की शीर्ष संस्था की लंबी बैठक में भी संकट का हल नहीं खोजा जा सका। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह बैठक लगभग 4 घंटे तक चली लेकिन इस दौरान ओली के भविष्य के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। नेपाल में पिछले कई वर्षों से नेपाल में राजनीतिक लड़ाई चल रही है, और ओली इस पद को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।
सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेता गणेश शाह ने कहा कि एसीपी के नौ सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई, लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि रविवार को स्थायी समिति की बैठक के दौरान पेश किए जाने वाले एजेंडे पर भी बैठक में चर्चा की गई। पार्टी के प्रवक्ता एन श्रेष्ठा ने कहा कि बैठक में गतिरोध समाप्त नहीं हो सका लेकिन पार्टी के नेता आम सहमति से मुद्दों को हल करने के लिए सहमत हुए। अब रविवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा होगी।
दरअसल, नेपाल की राजनीति इस समय गंभीर संकट से गुजर रही है क्योंकि पीएम ओली प्रधानमंत्री और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष का पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर, पार्टी के शक्तिशाली नेता प्रचंड, ओली के पीएम पद से इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। दोनों नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन दोनों नेताओं के अड़ियल रुख के कारण, संकट अभी तक हल नहीं हुआ है।
स्थायी समिति की बैठक पहले ही होने वाली थी, लेकिन दोनों नेताओं को बातचीत के लिए अधिक समय देने के लिए इसे रविवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सूत्रों का कहना है कि रविवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक की तारीख भी तय हो सकती है।
इस बीच, पीएम ओली का विरोध नेपाल में लगातार बढ़ रहा है। ओली का यह कथन कि भारत का अयोध्या नकली है और असली अयोध्या नेपाल में होने का देश में भी कड़ा विरोध हो रहा है। ओली के बयान के खिलाफ जनकपुर में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें साधु-संतों के अलावा सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। लोगों ने आरोप लगाया कि ओली भारत और नेपाल के बीच संबंध खराब बयान देकर और नेपाल की छवि खराब कर रहे हैं।
नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के कई सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि ओली के रवैये के कारण भारत और नेपाल के बीच कटु संबंध हैं। ओली ने हाल ही में नेपाल के विवादित नक्शे में भारत के तीन क्षेत्रों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को शामिल किया था। उन्होंने भारत पर उन्हें प्रधान मंत्री पद से हटाने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया।