लेह अस्पताल में घायल सैनिकों के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत का मूल पाठ

साथियों,

मैं आज आप सब को नमन करने आया हूं। क्योंकि जिस वीरता के साथ लड़ाई लड़ी है, मैंने कुछ दिन पहले भी कहा था कि जो वीर हमें छोड़कर चले गए हैं वो भी ऐसे ही नहीं गए हैं। आप सबने मिल करके करारा जवाब भी दिया है। शायद आप घायल हैं, अस्‍पताल में हैं, इसलिए शायद आपको अंदाज न हो पाए। लेकिन 130 करोड़ देशवासी आप के प्रति बहुत ही गौरव अनुभव करते हैं। आपका ये साहस, शौर्य नई पीढ़ी को प्रेरणा दे रहा है और इसलिए आपका ये पराक्रम, आपका ये शौर्य और आपने ने जो किया है वो हमारी युवा पीढ़ी को, हमारे देशवासियों को आने वाले लंबे अर्से तक प्रेरणा देता रहेगा। और आज जो विश्‍व की स्थिति है, वहां जब ये मैसेज जाता है कि भारत के वीर जवान ये पराक्रम दिखाते हैं, ऐसी-ऐसी शक्तियों के सामने दिखाते हैं, तब तो दुनिया भी जानने को बड़ा उत्‍सुक रहती है कि वो जवान हैं कौन। उनकी ट्रेनिंग क्‍या है, उनका त्‍याग कितना ऊंचा है। उनका commitment कितना बढ़िया है। आज पूरा विश्व आपके पराक्रम का एनालिसिस कर रहा है।

मैं आज सिर्फ और सिर्फ आपको प्रणाम करने आया हूं। आपको छू करके, आपको देख करके एक ऊर्जा लेकर जा रहा हूं, एक प्रेरणा लेकर जा रहा हूं। और हमारा भारत आत्‍मनिर्भर बने, दुनिया की किसी भी ताकत के सामने कभी न झुके हैं, न कभी झुकेंगे।

ये बात मैं बोल पा रहा हूं आप जैसे वीर पराक्रमी साथियों के कारण। मैं आपको तो प्रणाम करता हूं, आपको जन्‍म देने वाली आपकी वीर माताओं को भी प्रणाम करता हूं। शत: शत: नमन करता हूं, उन माताओं को जिन्‍होंने आप जैसे वीर योद्धाओं को जन्‍म दिया, पाला-पोसा है, लालन-पालन किया है और देश के लिए दे दिया है। उन माताओं का जितना गौरव करें, उनको जितना सर झुका करके नमन करें, उतना कम है।

फिर एक बार साथियो, आप बहुत जल्‍द ठीक हो जाएं, स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हो, और पुन: संयम, पुन: सहयोग, इसी विचार के साथ आओ हम सब मिल करके चल पड़ें।

धन्‍यवाद दोस्‍तों।

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