नई दिल्ली । अब देश में बेईमानी करने वाले लोगों की खैर नहीं है देश में जल्द ही कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट -2019 लागू होने जा रहा है। सूत्रों क...

नई दिल्ली। अब देश में बेईमानी करने वाले लोगों की खैर नहीं है देश में जल्द ही कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट -2019 लागू होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, 20 जुलाई 2020 को, यह अधिनियम देश भर में सोमवार को लागू होगा। सरकार ने गुरुवार को देश भर में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम -2019 को लागू करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
नया कानून उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की जगह लेगा। नए कानून के तहत, ग्राहकों को पहली बार नए अधिकार मिलेंगे। उपभोक्ता किसी भी उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज कर सकता है। पहले के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था।
सूत्रों के मुताबिक, मोदी सरकार ने एक्ट में कई बदलाव किए हैं। इसके लागू होने के बाद, अगले 50 वर्षों के लिए देश में कोई अन्य कानून बनाने की आवश्यकता नहीं होगी। बता दें कि पहले यह नया कानून जनवरी के महीने में लागू होना था, लेकिन किसी कारणवश लागू नहीं हो सका। फिर तारीख बढ़ाकर मार्च कर दी गई। कोरोना का प्रकोप देश में मार्च के महीने से शुरू हुआ था और तब इसे लॉकडाउन के कारण लागू नहीं किया गया था। अब यह कानून लागू होने के बाद, उपभोक्ता से संबंधित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी। विशेष रूप से अब, कंपनियों द्वारा ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी की जा सकती है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम -2019 की महत्वपूर्ण विशेषताएं
नए कानून में पहली बार ऑनलाइन और टेलिशॉपिंग कंपनियां शामिल हैं।
खाने-पीने की चीजों में मिलावट के लिए कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान।
-पीआईएल या पीआईएल अब उपभोक्ता फोरम में दायर की जा सकती है। पहले के कानून में ऐसा नहीं था।
उपभोक्ता मध्यस्थता प्रकोष्ठ का गठन। दोनों पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता सेल में जा सकेंगे।
- उपभोक्ता फोरम में एक करोड़ तक के मामले।
- राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में एक करोड़ से दस करोड़।
- राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में दस करोड़ से ऊपर के मामलों की सुनवाई।
- कैरी बैग पैसे इकट्ठा करने के लिए गलत।
- सिनेमा हॉल में अगर खाने-पीने की चीजों पर ज्यादा पैसे लेने वालों की शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।