सरकार का छात्रों पर बड़ा फैसला, बड़ी बैठक के बाद हुआ ये एलान

जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने छात्रों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब राजस्थान विद्यालय शिक्षा परिषद राजस्थान में पूर्व-प्राथमिक से कक्षा 12 वीं तक के एकीकृत विकास के लिए काम करेगी। सरकार ने अब राजस्थान काउंसिल ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन और राजस्थान काउंसिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के स्थान पर राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद का गठन किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया है। यह बैठक सरकारी सचिवालय में आयोजित की गई थी। निर्णय उच्च स्तरीय बैठक में सर्व सम्मति से लिया गया।

बैठक में मौजूद मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि अब राज्य में प्री-प्राइमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूली शिक्षा के लिए एक ही संस्था काम करेगी। डोटासरा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी एकीकृत स्कूल शिक्षा योजना के क्रम में, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद और राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद में एकीकृत करने के प्रस्ताव को विधिवत मंजूरी दे दी गई है।

मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के अनुसार, अब, भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार, अब परिषद के मौजूदा कानून में संशोधन किया गया है और उसकी जगह प्रस्तावित राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद अधिनियम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों परिषदों के उद्देश्यों और गतिविधियों को राजस्थान विद्यालय शिक्षा परिषद में मिला दिया गया है। बैठक में मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, सरकारी शिक्षा विभाग मंजू राजपाल, सरकार के सचिव, आदिवासी विकास विभाग गायत्री राठौर, राज्य परियोजना निदेशक बीएल मीणा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित थे।

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