सपा ने की एटलस साइकिल कम्पनी को खोले जाने की मांग

गाजियाबाद। एटलस साइकिल कम्पनी में तालाबंदी के खिलाफ समाजवादी पार्टी की जिला ईकाई ने सोमवार को प्रदर्शन कर कम्पनी को तत्काल खोले जाने की मांग की। जिलाध्यक्ष हाजी राशिद मलिक और महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, उपाध्यक्ष संतोष यादव एवं आनन्द चौधरी तथा आदित्य मलिक, मनमोहन गामा पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ साहिबाबाद में एटलस कम्पनी के गेट पर मांग की तख्तियों के साथ साइकिल चलाकर पहुंचे और उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से उ.प्र. के राज्यपाल को सम्बोधित 6-सूत्रीय एक ज्ञापन भी सौंपा।

राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन में कहा गया है कि विगत 3 जून 2020 को अचानक बिना किसी सूचना के साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एटलस कम्पनी में प्रबन्धन द्वारा तालाबंदी कर इसके 752 कर्मचारियों को काम पर आने से रोक दिया गया। इससे मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का गम्भीर संकट पैदा हो गया है। इनमें से कई कर्मचारियों ने कम्पनी में 25 से 30 वर्षों की सेवा दी हैं और कुछ तो 55 वर्ष के हो गए है। उन्हें अब कहीं और नौकरी मिलने से रही।
ज्ञापन में राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग कर प्रशासन और श्रम विभाग को अविलम्ब जनहित में एटलस कम्पनी को खुलवाने की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित करे। ज्ञापन में मांग की गई है कि एटलस कम्पनी की तालाबंदी समाप्त की जाए और श्रमिकों की सेवा बहाल हो। श्रमिकों को तालाबंदी अवधि का पूरा वेतन मिले। प्रतिदिन 752 कर्मचारियों की फैक्ट्री में आकर हाजिरी लगाने की व्यवस्था समाप्त की जाए। पुलिस उत्पीड़न बंद हो और शासन से इस सम्बंध में तत्काल संज्ञान लेने का निर्देश हो।
समाजवादी पार्टी ने अपने ज्ञापन में यह मांग भी की है कि भारत सरकार एटलस कम्पनी को चालू करने के लिए 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज से मदद करे। पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज के ब्यौरे अभी तक स्पष्ट नहीं है। भाजपा रोजगार देने की बात कर रही है पर कोरोना संकट के बहाने से उद्यमी अपने संस्थानों में तालाबंदी कर रहे हैं और श्रमिक बेरोजगार हो रहे हैं। आखिर घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज का क्या फायदा जब एटलस साइकिल फैक्ट्री को तालाबंदी से बचाया नहीं जा सका।
जिलाध्यक्ष हाजी राशिद मलिक का कहना है कि मुख्यमंत्री का कहना है कि इस पैकेज से उत्तर प्रदेश को बहुत लाभ होगा तो फिर उससे प्रदेश के श्रमिक वंचित क्यों रहें? आजाद भारत में आत्मनिर्भर बनाने में, विकास के रास्ते पर ले जाने में साइकिल की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। एटलस फैक्ट्री के बंद होने से प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत‘ मुहिम पर प्रश्नचिह्न लगेगा। ‘आत्मनिर्भरता‘ की सफलता तो तभी दिखेगी जब यह सामने आएगा कि 20 लाख करोड़ पैकेज में एटलस साइकिल कम्पनी का हिस्सा कहां है? (आईपीएन)

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