बिहार से चीन को बड़ा झटका, चीनी कंपनियों से छीना मेगा प्रोजेक्ट

पटना। केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनाई जाने वाली महासेतु की परियोजना के टेंडर को रद्द कर दिया है। इस परियोजना में चीन की कंपनियां शामिल थीं। बिहार सरकार के शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को कहा कि केंद्र ने निविदा रद्द कर दी थी क्योंकि परियोजना के लिए चुने गए चार में से दो ठेकेदार चीनी कंपनियां थीं। पूरे प्रोजेक्ट पर 2,900 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसमें 5.6 किमी लंबा मुख्य पुल, अन्य छोटे पुल, अंडरपास और रेल ओवरपास शामिल हैं। यह माना जाता है कि यह निर्णय भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद और 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गैलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत की पृष्ठभूमि में लिया गया है।

चीन के साथ सीमा पर झड़पों के मद्देनजर कई चीनी परियोजनाओं और निविदाओं को चीनी उत्पादों और व्यापारिक संस्थाओं के बहिष्कार के लिए एक राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत रद्द कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इस महासेतु परियोजना को 16 दिसंबर, 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित महासेतु को महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनाया जाना है। गंगा नदी, जो पटना, सारण और वैशाली जिलों को सुविधा प्रदान करेगी।

योजना के अनुसार, मुख्य पुल के साथ चार अंडर पास, एक रेल ओवर ब्रिज, 1.58 मार्ग पुल, फ्लाईओवर, चार छोटे पुल, पांच बस स्टॉप और 13 सड़क जंक्शन बनाए जाने हैं। परियोजना के लिए निर्माण की अवधि साढ़े तीन साल थी और इसे जनवरी 2023 तक पूरा किया जाना था।

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