एक ऐसा गांव जो आधा भारत में और आधा म्यांमार में

भारत में एक गांव ऐसा भी है जो दूसरे देश की सीमा में भी है। ये गांव आधा भारत में है और आधा म्यांमार में है। लोग एक देश से दूसरे देश में बेधड़क घूमते रहते हैं। ये गांव उत्तर पूर्व सीमा पर स्थिति नागालैंड में मौजूद है। नागालैंड के मोन जिले में गांव लोंगवा की खासियत आप जानकर हैरान रह जाएंगे। छोटे से गांव में लोग आराम से भाईचारे के साथ रह रहे हैं और दोनों देश की नागरिकता रखते हैं।
ये सीमा पर होने के बाद भी शांत गांव है और किसी में न तो लड़ाई झगड़ा होता है और न ही कोई तनाव दिखता है। आपस में मिलजुल कर रहने वाले इस गांव के लोग खाना म्यांमार में खाते हैं तो आराम भारत में करते हैं। गांव के मुखिया का बेटा म्यांमार की सेना में तैनात है। ऐसी कई खूबियां इसे दूसरे गांवों से बिलकुल अलग बनाती हैं। एक तरफ पाकिस्तान और भारत की सीमा पर बसे गांवों का हाल है तो दूसरी तरफ इस गांव की मिसाल है। पाकिस्तान की सीमा पर आए दिन खून खराबे के समाचार मिलते हैं और हमलों या फायरिंग के कारण गांव के लोगों का जीवन खतरे में रहता है जबकि ये गांव आपसी भाईचारे का बेहतरीन संदेश देता है जहां लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहते हैं और पूरी तरह से शांति छाई रहती है। उन्हें ये भी पता नहीं चलता है कि वो ऐसी जगह पर है जहां तनाव होता है।
रोजमर्रा में वो न जाने कितनी बार म्यांमार हो आते हैं जबकि पाकिस्तान के बॉर्डर पर कोई भी जाने से कतराता है और जो लोग वहां रह रहे हैं उन्हें पता नहीं होता कि कब उन पर मौत का साया मंडराने लगेगा। यदि सीमा पर ये खौफ खत्म हो जाए तो न केवल लोगों को सुकून मिले बल्कि दोनों देशों की तरक्की हो।

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