हर साल बिजली का निशाना बन जाता है यह होटल, टूटकर अलग हो जाता है एक हिस्सा

भारत देश में श्रापित किलों, महलों, झील और बावड़ियों के बारे में अक्सर ही सुनने मिल जाता है। इनके बारे में तरह-तरह की कहानियां प्रचलित होती हैं। लोग इन पर विश्वास भी करते हैं और बातों को भी मानते हैं जो आमतौर पर इन्हें लेकर फेमस होती हैं। आज आपको एक ऐसे ही श्रापित किले के बारे में बताया जा रहा है। यह रांची.पतरातू मार्ग पर स्थित पिठौरिया गांव में स्थित है। यहां करीब दो शताब्दी पुराना एक किला है जिसे राजा जगतपाल सिंह का किला बताया जाता है। कहा जाता है कि इस किले में कभी 100 कमरे हुआ करते थे, लेकिन अब इसकी खबर लेने वाला कोई नही है। 
आपको आश्चर्य होगा, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार इस किले पर हर साल बिजली गिरती है। यह सिलसिला कई सालों से जारी है और आज भी बरकरार है। बिजली गिरने की वजह से इस फोर्ट का एक हिस्सा टूट जाता है और वह पहले से भी ज्यादा खंडहर लगने लगता है। कहा जाता है कि श्राप की वजह से ही इस किले पर हर साल बिजली गिरती है। 
बहुत ही लोकप्रिय थे जगतपाल सिंह 
इतिहासकारों के अनुसार यह किला कभी नागवंशी राजाओं का प्रमुख केंद्र रहा है। जगतपाल सिंह ने अपने क्षेत्र का चारों ओर से विकास किया था। वे अपनी जनता के बीच काफी पसंद किए जाते थे और बहुत ही लोकप्रिय थे। लेकिन कहा जाता है कि एक बार उनकी गलती से कुछ लोगों की मौत हो गई थी। शत्रुओं ने उन्हें पेड़ से लटका कर मार डाला था। उनकी इस गलती की वजह से जनता उनसे नाराज हो गई। 
ये भी बताए गए हैं कारण
विश्वनाथ शाहदेव ने उन्हें श्राप दिया कि आने वाले दिनों में कोई उनका नाम लेने वाला नही रहेगा। उनके वंश का नाश हो जाएगा। यही नही हर साल जब तक उनके किले का निशान इस धरती पर मौजूद रहेगा, तब तक वहां वज्रपात होता रहेगा। इसलिए ही हर साल यहां इस किले पर बिजली गिरती है और उसका कुछ हिस्सा टूटकर अलग हो जाता है। जबकि वैज्ञानिक लौह अयस्कों और बडे़-बड़े पेड़ होने की वजह से यहां बिजली गिरने का कारण बताते हैं। 

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