1. देशी फूल की तुरंत उगी अर्थात नई कोंपलों को सुखाकर और पीसकर बारीक चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को रोजाना 6 ग्राम की मात्रा में फांककर ऊपर से मिश्री मिला हुआ दूध पीने से वीर्य पुष्ट होता है. इसके अलावा इसका सेवन करने से पेशाब के साथ वीर्य का आना और स्वप्नदोष जैसे रोग भी दूर हो जाते हैं.
2. लगभग 10 ग्राम बिदारीकंद के चूर्ण को गूलर के रस में मिलाकर चाट लें. इसके ऊपर से घी मिला हुआ दूध पीने से जो व्यक्ति संभोग क्रिया में पूरी तरह से सक्षम नहीं होते उनके शरीर में भी यौन शक्ति का संचार होने लगता है.
3. चिरौंजी, मुलहठी और दूधिया बिदारीकंद को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण को लगभग 1 सप्ताह तक लेने से और ऊपर से दूध पीने से वीर्य के सारे दोष दूर होते हैं और वीर्य बढ़ जाता है.
4. सोंठ, सतावर, गोरखमुंडी, थोड़ी सी हींग और देशी खांड को एक साथ मिलाकर सेवन करने से लिंग मजबूत और सख्त होता है और बुढ़ापे तक ऐसा ही रहता है. इसके अलावा इसको लेने से वीर्य बढ़ता है और शीघ्रपतन जैसे रोग दूर हो जाते हैं। इस चूर्ण का सेवन करते समय गुड़ और खट्टे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए.
5. सिंघाड़े के आटे का हलुआ, उड़द और चने की दाल का हलुआ, अंडों की जर्दी का गाय के घी में तैयार किया हुआ हलुआ, मेथी और उड़द की दाल के लडडू, आंवले की चटनी, गेहूं, चावल, बराबर मात्रा में जौ और उड़द का आटा और उसमें थोड़ी सी पीपल को डालकर तैयार की गई पूडि़यां और नारियल की खीर आदि का सेवन करने से हर तरह के धातु रोग नष्ट हो जाते हैं, वीर्य पुष्ट होता है और संभोग करने की शक्ति बढ़ती है.
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Esa ho sakta hai kya
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