सुबह सुबह जब कभी हम तैयार होते है तो आईने में हम अपने चेहरे को निहारते है। लेकिन कुछ लोगो की यह आदत होती है की वो बार बार आईने में अपने ...
सुबह सुबह जब कभी हम तैयार होते है तो आईने में हम अपने चेहरे को निहारते है। लेकिन कुछ लोगो की यह आदत होती है की वो बार बार आईने में अपने चेहरे को देखते है। लेकिन क्या आपको पता है बार-बार आइना या यूं कहे की शीशे में खुद को निहारना भी एक बीमारी का ही लक्षण है।
हाल ही में एक रिसर्च में यह पाया गया है की बार बार आईने में चेहरे को देखना भी एक बीमारी जैसा होता है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. एसए आजमी के अनुसार शीशे के सामने दिन में अनेकों बार जाकर अपने शरीर और चेहरे को देखना फिर भी संतुष्ट नहीं होना एक मानसिक बीमारी है। इस बीमारी को ओसीडी स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के नाम से जाता है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपनी त्वचा को बार-बार खींचना या चिकोटी काटना, बाल को बार-बार नोचना या तोड़ना यहां तक की उसे खा लेना भी इसी बीमारी के लक्षण हैं। इस बीमारी के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि चेहरे या शरीर में विकृति महसूस करना तथा अनावश्यक वस्तुओं को इकट्ठा करना और उन्हें अपने पास रखना भी मानसिक बीमारी ही है।