इस गांव में है भाई आपस में बांट लेते हैं बीवी, दो भाईयों की होती है एक कॉमन पत्नी

नई दिल्ली। राजस्थान के अलवर से 66 किमी दूर मनखेरा गांव। पूरे गांव में जाट समुदाय का बोलबाला। जनसंख्या के हिसाब से भी और रुतबे के हिसाब से भी। हां कुछ ब्राह्मण और दलित लोग भी हैं। 

डाउन तो अर्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार जून 2007 और 2013 में किए गए सर्वे से महिला भ्रूण हत्या, बहुपति व्यवस्था (एक वक्त पर एक से ज़्यादा पति होना) जैसी सामाजिक सच्चाइयां भी हमारे सामने आईं। 

शायद ये सोचना भी मुश्किल हो सकता है कि इन दो अलग-अलग मुद्दों में कोई संबंध भी हो सकता है, लेकिन मनखेरा गांव में ऐसा संबंध भी है और ये बेहद खतरनाक भी है।

मनखेरा में सेक्स रेशियो चिंताजनक स्तर पर है। दलित, ब्राह्मण और OBC का सेक्स रेशियो 2013 में क्रमश: 876, 865 और 813 था। गांव की जनसंख्या का 60 प्रतिशत, जाट समुदाय है। 

उनका मुख्य व्यवसाय पैतृक ज़मीन पर खेती का है। औसत देखें तो ब्राह्मणों के पास गांव में सबसे ज़्यादा ज़मीन है लेकिन वो पूरी तरीके से खेती पर निर्भर नहीं हैं। गांव में ज़्यादातर दलितों के पास ज़मीन नहीं है। जिनके पास है भी वो ज़मीन का बहुत छोटा टुकड़ा है और अलग-अलग हिस्सों में है।

कम ज़मीन होने की वजह से कई पुरुष अविवाहित हैं। 2013 में 8.1 प्रतिशत घर ऐसे थे जहां कम से कम एक पुरुष अविवाहित हैं। ये आंकड़ा 2007 में 5.7 प्रतिशत था। हाल फिलहाल में गांव में एक नया ट्रेंड शुरु हुआ है। अगर किसी परिवार में दो लड़के हैं और उस परिवार के पास काफी कम ज़मीन है तो परिवार जानबूझकर और सहमति से एक लड़के की शादी नहीं करवाता। 

रिपोर्ट के अनुसार गांव के ही एक परिवार ने बताया कि असल में ये प्रथा दो भाइयों के बीच एक ही पत्नी साझा करने की व्यवस्था बन गई है। यानी कि दो भाईयों कि एक कॉमन पत्नी। 

परिवार ने ये भी बताया कि ये पूरे गांव में एक सर्वमान्य प्रथा बन चुकी है। इस गांव का हर इंसान इस राज़ से वाकिफ है। हालांकि बहुपतिवाद(एक ही स्त्री के एक से अधिक पति वाली प्रथा) को कानूनी मान्यता नहीं है इसिलिए एक ठोस आंकड़ा मिल पाना मुश्किल है। 
-सांकेतिक तस्वीर। 

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