नई दिल्ली। पाकिस्तान के एक टीवी चैनल कोहे-नूर ने अपने न्यूज ऐंकरों की टीम में एक किन्नर मारवीय मलिक को जगह दी है। इसके बाद यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और लोग इस मीडिया संगठन की तारीफ करने लगे। 23 मार्च को उन्होंने कोहेनूर न्यूज पर पाकिस्तान दिवस की खबर पढ़ी।
ऐंकर बनने वाली मलिक लाहौर की रहने वाली हैं। मारवीय मलिक ने ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई की है। मारवीय पाकिस्तान की पहली किन्नर न्यूज ऐंकर हैं लेकिन वो शो बिजनेस में नई नहीं हैं। वह इससे पहले मॉडलिंग कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कोहे-नूर के रिलॉन्च के बारे में काफी चर्चा हो रही थी तो वह भी इंटरव्यू देने चली गईं।
इंटरव्यू में बहुत सारे लड़कियां-लड़के आए थे, उनमें मैं भी शामिल थी। जब मेरा नंबर आया तो उन्होंने मुझे बाहर इंतजार करने को कहा। इसके बाद जब सभी लोगों के इंटरव्यू पूरे हो गए तो उन्होंने मुझे एक बार फिर अंदर बुलाया और कहा कि हम आपको ट्रेनिंग देंगे और कोहे-नूर न्यूज में आपका स्वागत है।
ये सुनकर मैं खुशी से चीखी तो नहीं, लेकिन मेरी आंखों में आंसू आ गए। मेरी आंखों में आंसू इसलिए आए क्योंकि मैंने जो ख्वाब देखा था, मैं उसकी पहली सीढ़ी चढ़ चुकी थी। मैंने किसी तरह का लैंगिक भेदभाव नहीं देखा। गौरतलब है कि पाकिस्तान में किन्नर अभी भी बहिष्कृत होकर ही जीने को मजबूर हैं। वे पैसा कमाने के लिए अक्सर भीख मांगने, नाचने और यहां तक की वेश्यावृत्ति अपनाने तक को मजबूर हैं क्योंकि उन्हें नौकरी मिलने में काफी मुश्किल होती है।
ऐंकर बनने वाली मलिक लाहौर की रहने वाली हैं। मारवीय मलिक ने ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई की है। मारवीय पाकिस्तान की पहली किन्नर न्यूज ऐंकर हैं लेकिन वो शो बिजनेस में नई नहीं हैं। वह इससे पहले मॉडलिंग कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कोहे-नूर के रिलॉन्च के बारे में काफी चर्चा हो रही थी तो वह भी इंटरव्यू देने चली गईं।
इंटरव्यू में बहुत सारे लड़कियां-लड़के आए थे, उनमें मैं भी शामिल थी। जब मेरा नंबर आया तो उन्होंने मुझे बाहर इंतजार करने को कहा। इसके बाद जब सभी लोगों के इंटरव्यू पूरे हो गए तो उन्होंने मुझे एक बार फिर अंदर बुलाया और कहा कि हम आपको ट्रेनिंग देंगे और कोहे-नूर न्यूज में आपका स्वागत है।
ये सुनकर मैं खुशी से चीखी तो नहीं, लेकिन मेरी आंखों में आंसू आ गए। मेरी आंखों में आंसू इसलिए आए क्योंकि मैंने जो ख्वाब देखा था, मैं उसकी पहली सीढ़ी चढ़ चुकी थी। मैंने किसी तरह का लैंगिक भेदभाव नहीं देखा। गौरतलब है कि पाकिस्तान में किन्नर अभी भी बहिष्कृत होकर ही जीने को मजबूर हैं। वे पैसा कमाने के लिए अक्सर भीख मांगने, नाचने और यहां तक की वेश्यावृत्ति अपनाने तक को मजबूर हैं क्योंकि उन्हें नौकरी मिलने में काफी मुश्किल होती है।
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