सेलिब्रिटी से कम नहीं है इस साध्वी का क्रेज

अध्यात्मिक गुरू स्वामी अनादि सरस्वती कथावाचक हैं। वो देशभर में कथा करती हैं। स्वामी अनादि चिति संधान योग नाम की संस्था की अध्यक्ष भी हैं। इसके साथ ही वो कई इंस्टीट्यूट और कंपनियों में कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने भी जाती हैं। उनको 'BEST FEMALE SAINT of India" के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका हैं।

अनादि सरस्वती अजमेर की रहने वाली हैं और काफी पढ़ी-लिखी हैं। उन्होंने समाज शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। पढ़ाई के बाद वो पतंजलि योगदर्शन, भगवद् गीता और वेदांत का ज्ञान भी हासिल किया। इसके बाद उन्होंने अध्यात्मक का रास्ता अपना लिया। अनादि सरस्वती इस साधना से साल 1995 से जुड़ी हुई हैं। लेकिन इसकी असली शुरुआत साल 2005 में तब हुई, जब अनादि सरस्वती ने धर्म को करीब से जाना।

अनादि सरस्वती ने साल 2008 में गुरू रेवेंद्र स्वामी धर्म प्रेमानंद सरस्वती से दीक्षा हासिल की थी। इस दौरान उन्होंने अपने गुरु के साथ देशभर का भ्रमण किया और आध्यात्मिक ज्ञान हासिल किया। अनादी सरस्वती ने शंकाराचार्य के महानिर्वाण अखाड़े की परंपरा के मुताबिक दीक्षा हासिल की है।

अनादि सरस्वती हिंदुत्व का प्रचार-प्रसार करती हैं। देशभर में घूम-घूमकर कथा करती हैं। वे कई बार विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रमों में भी नजर आ चुकी हैं। वो छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह और आरएसएस प्रमुख मोह भागवत के साथ भी कार्यक्रम में नजर आ चुकी हैं। वे अजमेर में हुई ग्लोबल पीस कॉन्फ्रेस में भी अहम गेस्ट के रूप में नजर आ चुकी हैं।

अनादि सरस्वती की संस्था का ऑफिस अजमेर में है। लेकिन वे लगातार मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु और पुणे के साथ देश के दूसरे शहरों में प्रवचन के लिए जाती रहती हैं। सोशल मीडिया में भी हजारों की संख्या में लोग उन्हें फॉलो करते हैं।

अनादि सरस्वती इंस्टीट्यूट्स और कंपनियों में भी ट्रेनिंग देती हैं। कंपनियां उनको बुलाती हैं और कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिलाती हैं। वो अपने उपदेशों से कर्मचारियों में आत्मविश्वास जगाती हैं। उनके प्रवचन में धार्मिक ज्ञान के साथ मॉडर्न ज्ञान की बातें होती हैं।


देशभर से अलग-अलग फील्ड में वुमन एक्सप्लॉयटेशन के खिलाफ काम कर रही सिलेक्टेड महिलाओं में स्वामी अनादि सरस्वती का सिलेक्शन आध्यात्म के लिए बेहतरीन काम करने के लिए किया गया है।

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